प्लास्टिक की बोतलों में पानी पीना लोगों को सबसे सस्ता और टिकाऊ काम लगता है। लेकिन ये आपके लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है आप सोच भी नहीं सकते। इस पर कई रिसर्च हुए हैं जिसमें ये बात सामने आई है कि ये शुगर, कैंसर जैसी कई खतरनाक बीमारियों का कारण बनता है। न्यूयॉक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इसपर शोध भी किया। उसमें ये बात सामने आई है कि प्लास्टिक की बोतलों में जो कैमिकल पाया जाता है वो हमारे हॉर्मोनल सिस्टम के लिए बहुत खतरनाक होता है।
अमेरिका में 5000 से अधिक लोगों पर रिसर्च किया गया। जब उनके यूरीन के सैंपल की जांच की गई तो ये बात सामने आई कि उसमें से अधिकतर लोग हॉर्मोनल समस्या से जूझ रहे थे जिसका कारण प्लास्टिक की बोतलों का हद से ज्यादा इस्तेमाल था। आप ये जानकर भी चौंक जाएंगे कि ये आपकी सेक्स लाइफ को भी प्रभावित कर रहा है। महिला और पुरुष दोनों में ही ये नपुंसकता को बढ़ाता है और तो और ये काफी हद तक मोटापे के लिए भी जिम्मेदार होता है।
प्लास्टिक की बोतल इसलिए खतरनाक
पानी वाली प्लास्टिक बोतलों में तापमान ज्यादा होने या पानी के गरम होते ही खतरनाक हानिकारक तत्व निकलते हैं जो पानी के साथ पेट में पहुंच जाते हैं। पानी पीने के लिए स्टेनलेस स्टील या एल्युमिनियम की बोतलें ही अच्छी है।
चिंताजनक; 50% कचरा सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि हर साल हजारों टन कचरा सिर्फ प्लास्टिक का ही निकलता है। प्लास्टिक का 40 से 50 फीसदी कचरा सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल होता है। इसमें प्लास्टिक की बोतल भी शामिल है।
अथॉरिटी के निर्देश
सर्व किया जाने वाला पानी बीआईएस अाईएस 10500: 2012 के मुताबिक होना चाहिए। साफ पानी का प्रबंध करना होगा। कांच की बोतल में कागज की सील से बंद बोतलों में पानी दिया जाएगा। सील बंद बोतलों का पैकिंग फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड नियम 2011 के शिड्यूल -4 के मुताबिक सफाई और स्वच्छता को ध्यान में रखना होगा। इन बोतलों को पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर की कैटेगरी में शामिल नहीं होगी