आखिरकार हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार का विस्तार तय हो गया है। हरियाणा कैबनेट का बृहस्पतिवार को विस्तार होगा और नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। नए मंत्रियों को राजभवन में दोपहर 12.30 बजे शपथ दिलाई जाएगी।
बता दें कि हरियाणा और महाराष्ट्र में एक ही दिन विधानसभा चुनाव हुए थे और नतीजे भी साथ ही आए। दोनों जगह त्रिशंकु विधानसभा के कारण हालात ऐसे बने कि असमंजस खत्म होने का नाम नहीं ले रहा।
महाराष्ट्र में भाजपा, शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस की ‘गुगली’ में सरकार बन नहीं पा रही और हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के शपथ लेने के बावजूद मंत्रियों और विभागों के नाम नहीं फाइनल हो पा रहे थे। हालांकि अब तय हो गया है कि बृहस्पतिवार को मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। राजभवन में शपथ ग्रहण समरोह की तैयारी पूरी है।
मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री कर चुके मंत्रियों और विभागों पर मंत्रणा
आज-कल, आज-कल में टलते आ रहे मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मंगलवार सुबह करीब दस बजे मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के बीच करीब एक घंटा बैठक चली। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के बीच मंत्रियों के नाम और विभागों को लेकर सहमति बन गई है। भाजपा वित्त और उद्योग विभाग अपने पास रखेगी, जबकि कृषि, आबकारी एवं कराधान तथा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग जजपा को दिए जा सकते हैं। दुष्यंत चौटाला की सहमति के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पार्टी हाईकमान को भी इससे सूचित कर दिया है।
इसके बाद तय हो गया कि दोनों दलों के शीर्ष नेताओं की सहमति के बाद अब हरियाणा में किसी भी समय मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि विभागों के बंटवारे और मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर चर्चा सार्थक रही है। उन्होंने कहा कि अगले 48 घंटे में हरियाणा में नई सरकार की तस्वीर साफ हो जाएगी।
विभागों के बंटवारे पर फंसा रहा पेंच
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने 27 अक्टूबर को दीपावली के दिन शपथ ग्रहण की थी। मंत्रियों के नाम फाइनल और विभागों का बंटवारा नहीं होने से मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने स्तर पर फैसले ले रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि दुष्यंत चौटाला भाजपा से वित्त विभाग, कृषि, उद्योग, आबकारी एवं कराधान तथा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग मांग रहे थे। मुख्यमंत्री इससे सहमत नहीं थे। भाजपा हाईकमान भी वित्त विभाग और उद्योग महकमे को जजपा को देने के पक्ष में नहीं था। हाई कमान के निर्देश पर ही मुख्यमंत्री ने गुरु पर्व पर बैठक के लिए दुष्यंत चौटाला को अपने निवास पर बुलाया था ताकि सहमति बनाकर मंत्रिमंडल विस्तार का रास्ता साफ हो सके।
13 को शपथ ग्रहण पर संघ और भाजपा का शीर्ष नेतृत्व नहीं हुआ सहमत
विभागों को लेकर पेच फंसा होने के कारण मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह लगातार टलता आ रहा है। राजभवन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पहले 13 नवंबर को मंत्रियों के शपथ ग्रहण की पूरी तैयारी थी, लेकिन अब इसे टालना पड़ रहा है। वजह यह कि संघ इस बात से सहमत नहीं था कि 13 नवंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाए। इसकी वजह 13 के अंक को अशुभ माना जाना है। मंगलवार को बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जब हाईकमान तथा संघ नेतृत्व से बात की तो उन्हें 13 नवंबर के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार करने की सलाह दी गई।
मंत्रिमंडल विस्तार में विलंब को विपक्ष बना रहा मुद्दा
सरकार गठन के एक पखवाड़े बाद भी मंत्रियों की नियुक्ति नहीं होने को मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया है। सियासी गलियारों में चर्चाएं जोरों पर हैं कि भाजपा और जजपा के मंत्रियों की संख्या और विभागों के बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है। इसका खमियाजा प्रदेश की जनता भुगत रही है।